स्वर को जाने
आओ बच्चे मिलकर हम खेल-खेल में कुछ शब्द बनाएँ और करें उसका गुणगान ।
अ —-अनार
शरीर में खून बनता है खाने से अनार,
जिससे हम स्वस्थ रहते पड़ते न जल्द बीमार।
आ —-आम
आम फलों का राजा होता ,
पके के साथ – साथ खाने में मजा तब आता ,
जब वह कच्चा और ताजा होता।
इ —-इमली
इमली की है बात निराली,
नाम लेते ही मुँह में आ जाता पानी।
ई —-ईख
ईख देखने में लगे डंडा सा,
और उसका रस पीने में लगे
मीठा और पेट में लगे ठंडा सा।
उ —– उल्लू
उल्लू को दिखता दिन में न कुछ,
रात में दिखे उसे सब कुछ।
ऊ —– ऊन
ऊन से सुंदर-सुंदर स्वेटर बनाती,
नानी-दादी हमें हाथों से बुनकर पहनाती ।
ऋ —– ऋषि
ऋषि मुनि घूम-घूमकर माँगते भिक्षा ,
और करते ज्ञान की बातें
देते हमें अच्छी शिक्षा ।
ए —- एड़ी
ठंडा का मौसम है आया
एड़ी की करो तुम अच्छे से सफाई,
एड़ी फट जाएगी तुमने अगर की लापरवाही।
ऐ —- ऐनक
नाक पर चढ़कर खींचे कान,
आँख से देखें यह सारा जहान।
ओ—- ओखली
ओखली के साथ देखो मूसल,
काम करता वो हमेशा मिलकर।
औ —– औषधि
प्राकृतिक का है यह बहुत बड़ा उपहार,
बीमार पड़ने पर औषधि से होता हमारा उपचार।
अं —– अंगूर
अंगूर की करें क्या बात,
पोषण देने के साथ एकजुट
रहने का सिखाएं हमें पाठ।
अः —– देखो बच्चों यह है अः
झूठ कभी किसी से न कह।
✍️नाम– प्रियंका कुमारी ✍️
विद्यालय — प्राथमिक विद्यालय रहिया टोल
प्रखंड — बायसी
जिला —पूर्णिया