स्वतंत्रता दिवस-प्रभात रमण

स्वतंत्रता दिवस

तन स्वतन्त्र और मन स्वतंत्र है
स्वतंत्र सकल समाज है ।
बहुत दिन परतन्त्र रहे
स्वतन्त्र भारत आज है ।
मुगलों, गोरों का राज्य गया
अखण्ड भारत बस नहीं हुआ
पाकिस्तान विभाज्य गया ।
अपनी नई सरकार हुई
सूनी आँखों के सपने साकार हुई ।
सब की बांछें खिल गई
अब तो आजादी मिल गई ।
कुछ कीमत बेशक चुकाई थी
पर आजादी हमने पाई थी ।
सुखदेव, भगतसिंह, राजगुरु
जब फाँसी पर झूले थे ।
आजाद ने जब गोली खाई
तब आजादी के रास्ते खुले थे ।
गाँधी का चरखा दौड़ा था
तब गोरों ने भारत छोड़ा था ।
अंग्रजों से अंतिम मुलाकात हुई
भारत में आजादी की नव ‘प्रभात’ हुई ।
श्रावण मास कृष्ण पक्ष दिन शुक्रवार था
15 अगस्त 1947 को अंग्रेज लाचार था ।
सब जन प्रसन्न थे, चहुँ ओर बहार था ।
उस पल से आज तक देश में लोकतंत्र है
तन भी स्वतन्त्र है, मन भी स्वतन्त्र है ।
अखण्ड आजादी का हम संदेश सुनाते हैं
जन गण मन गाते हैं ।
स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं ।।
स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं ।।

प्रभात रमण
मध्य विद्यालय किरकिचिया
प्रखण्ड – फारबिसगंज
जिला – अररिया

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