नन्हे बच्चे हम बच्चे कोमल तन के, खेलें खेल चंचल बन के, करते काम निज मन की, फिकर नहीं अपने तन की। खेल हमें लगती है प्यारी, माँ की ममता…
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जीवन उत्सव है-अनुज कुमार वर्मा
जीवन उत्सव है जीवन चलने का नाम है, चलते रहना ही जीवन है। सुखऔर दुःख के दो राहों में, संघर्ष कर जीवन को बढ़ाना है। जीवन उत्सव है इसे मनाना…
भारतीय सेना-अनुज कुमार वर्मा
भारतीय सेना मातृभूमि के कर्मवीर हम, देश की रक्षा के सूत्र हम। साहसी माँ के सपूत हम, सभी मानवों के उम्मीद हम। एकता के प्रतीक राष्ट्र को नमन, मेरी चाह…
स्वच्छता सर्वोपरि-अनुज कुमार वर्मा
स्वच्छता सर्वोपरि स्वच्छ तन, स्वच्छ मन, स्वच्छ हो वातावरण। सब मिलकर लें प्रण, तो स्वच्छ बने, अपना वतन। 🙌🙌🙌🙌🙌🙌 स्वच्छता है अभियान , इसको अपनाना है। हाथ नियमित धुलाई कर,…
ऐसा हो अपना घर-अनुज कुमार वर्मा
ऐसा हो अपना घर एक ऐसा घर बनायें, जो हमें बाधाओं से बचाए। खुशियाँ जहाँ हो अपार, प्रेम हो जिसका आधार। सबके भाव अनमोल हो, द्वेष और ईर्ष्या का न…
राष्ट्रपिता को नमन-अनुज कुमार वर्मा
राष्ट्रपिता को नमन प्रभु नाम का तू प्रतिमूर्ति एकता और भाईचारा का मूर्ति। स्वच्छता को तूने अपनाया, सुन्दर अपना राष्ट्र बनाया। सत्य के पथ पर चलना सिखलाया, अहिंसा अपनाकर जीना…
कलम पतवार है-अनुज कुमार वर्मा
कलम पतवार है मुसीबतों में जब, सब होते नतमस्तक, तब कलम की ही होती दस्तक। इसके चाहने वालों की लंबी कतार है, ये कलम, कलम नहीं पतवार है। सरस्वती का…
शिक्षक-अनुज कुमार वर्मा
शिक्षक शिक्षक हैं, ज्ञान का सागर, करते हैं, प्रतिभा उजागर। वह होते हैं, ज्ञान दाता, तभी कहलाते रास्ट्र-निर्माता। शांत चित्त, सौम्य व्यवहार, उदार मन, छवि ईमानदार। सार्थक अपनी मेहनत करते,…
शान है तिरंगा-अनुज कुमार वर्मा
शान है तिरंगा नील गगन में लहराये झंडा, सबको स्मृति कराये झंडा। गौरव भारत की गाथा को, बार-बार दर्शाये झंडा। सभ्यता का प्रतीक है झंडा, संस्कृति का गौरव है झंडा।…