अन्नदाता-सुरेश कुमार गौरव

अन्नदाता जब तक कि मिट्टी से सने नहीं, अन्नदाता के पूरे पांव-हाथ! सदा खेतों में देते रहते ये, बिना थके-रुके, दिन-रात साथ!! हल, बैल, कुदाल, रहट, बोझा, पईन, पुंज और…