मैं हूँ कितना भाग्यवान-अवनीश कुमार

मैं हूँ कितना भाग्यवान मैं हूँ कितना भाग्यवान जिसे मिला इतना सम्मान पढ़-लिख कर नाम रोशन किया माँ-बाप का नाम उजगार किया धैर्य साहस है सफलता की कुंजी यही है…

वीर-अवनीश कुमार

वीर वीर तू आगे बढ़ शत्रु पर वार कर शत्रु छद्मरूप धरे बहुतेरे आलस्य, निद्रा, अहम, वहम छल, द्वेष, पाखंड, झूठ क्रोध, ईर्ष्या, अत्याचार नाम है तेरे इनको तू खुद…

सारे जहाँ से अच्छे बापू-अवनीश कुमार

सारे जहाँ से अच्छे बापू महापुरुष ऐसे हीं नही, कोई कहलाता नर जिसकी इच्छाशक्ति दृढ़ हो स्ववालम्बन जिनका संकल्प हो स्वाधीनता जिनके जीवन का लक्ष्य हो ग्रामोद्धार हीं जिनके सपनो…

अंतर-अवनीश कुमार

अंतर कुछ कर दिखा इस जमाने में बता दे दुनियाँ को नहीं है मानव-मानव में अंतर आज दिख रहा जो जमाने मे अंतर ये अंतर न रहेंगे निरंतर ये अंतर…

है शान हमारी हिन्दी-अवनीश कुमार

है शान हमारी हिंदी निज राष्ट्र के गौरव गान की शान बढ़ाती हिंदी सर्व भाषाओं की शिरोमणि है राष्ट्र भाषा हिंदी अलंकारों सी आभा बिखेरती राजभाषा हिंदी अप्सरा के अलंकारों…

मंजिल दूर नहीं-अवनीश कुमार

मंजिल दूर नहीं कर्म निरन्तर करता चल व्यर्थ चिंतन छोड़ता चल रणनीतियाँ गढ़ता चल आत्ममंथन करता चल खुद से तुलना करता चल अपने पर विश्वास रख मिल जाएगी ही मंजिल…