आओ सरकारी स्कूल चलें-कुमुद “अनुन्जया”

आओ सरकारी स्कूल चलें बाबूजी के बटुए मे है कितना पैसा? इस बात से जहाँ कोई न फर्क पड़े मुफ्त मे पुस्तक मुफ्त में कपड़ा शिक्षा जहाँ सबको मुफ्त मिले…