वेदमाता भवानी – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

करूँगी सदा वंदना मैं तुम्हारी, भवानी सुनो प्रार्थना है हमारी। बना दो विवेकी हरो अंधियारा, पुत्री हूँ तुम्हारी बनो माँ सहारा। मिटा दो भवानी अज्ञता हमारी, करूँगी सदा वंदना मैं…