किसान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,

किसान खेती, बेटी एक समान होती है कृषक की जान, चर,अचर जीवों का पालक अन्नदाता है किसान। धूप-छांव हो या कि वर्षा कभी नहीं करता विश्राम, दिन-रात वह करता काम,…

किसान-सूर्यप्रकाश

किसान धरती है मेरी माता, पिता को माना आसमान, है मेरी यही परंपरा, है मेरी यही शान I हाँ मै भी हूँ एक किसान I भरता हूँ दुनियाँँ का पेट,…