सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय सदियों पूर्व हमारे शास्त्र ने यही तो हमें बताया है सर्वे भवन्तु सुखिनः का पाठ हमें पढ़ाया है सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय भारतीय संस्कृति में समाया…
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चिड़िया रानी-कुमकुम कुमारी
चिड़िया रानी आ जा चिड़िया रानी, हम डाले हैं दान-पानी, चीं-चीं करती आ जा, दाना आ के खा जा । आ जा चिड़िया रानी…. दाना आ के खा जा, गीत…
स्वर्ग से सुंदर देश हमारा-कुमकुम कुमारी
स्वर्ग से सुंदर देश हमारा स्वर्ग से सुंदर देश हमारा जहाँ बहती निर्मल गंगा जल धारा हिमालय जिसके शीश मुकुट सजाए सागर जिसके चरण धुलाए ऋषि मुनियों ने अपने तप…
स्वतंत्रता दिवस-कुमकुम कुमारी
स्वतंत्रता दिवस हजारों कुर्बानियाँ देकर यह आजादी हमने है पाई भारत माँ की रक्षा करने की कसमें हमने है खाई। फैला रखी है माएँ अपने आँचल को सीमाओं पे भारत…
मैं देश नहीं लूटने दूँगा-कुमकुम कुमारी
मैं देश नहीं लूटने दूँगा मैं देश नहीं लूटने दूँगा, मैं देश नहीं मिटने दूँगा। चाहे जान जाए तो जाय, पर तिरंगे को नहीं झुकने दूँगा। मैं देश ………………….. इस…
क्यों भूल गया-कुमकुम कुमारी
क्यों भूल गया क्यों भूल गया ऐ इंसान ये किराए का है मकान साँसे बेच-बेच कर किराया चुकाना है फिर वापस घर चले जाना है तो क्यों इस नश्वर जगत…
शिक्षक-कुमकुम कुमारी
शिक्षक हाँ मैं एक शिक्षक हूँ। शिक्षक होने का दंभ मैं भरता हूँ। राष्ट्र निर्माता होने पे गर्व मैं करता हूँ। हाँ मैं एक शिक्षक हूँ। यह सच है कि…
जरा रुक-कुमकुम कुमारी
जरा रुक जरा रुक ऐ मनुष्य किसलिए यूं दौड़ लगाते हो । क्षणिक सुख पाने के लिए, क्यों अपना सर्वस्व गवाते हो। इसलिए ऐ मनुष्य जरा रुक………. जरा रुक विश्राम…