खाना पचता पेट में खूब चबाओ मुँह हिलाओ, सन जाये अब लार में। पाचन शुरू कराए टाईलिन , गले के ऊपरी भाग में। नीचे गले से होकर सुनलो, खाना पहुँचा…
SHARE WITH US
Share Your Story on
writers.teachersofbihar@gmail.com
Recent Post
- दोहावली- रामकिशोर पाठक
- कुछ नवीन सृजन करो- कुमकुम कुमारी
- बहती शीतल मंद बयार- अमरनाथ त्रिवेदी
- सर्द हवा- रामकिशोर पाठक
- सत्य-पथ के जीवन रचयिता – सुरेश कुमार गौरव
- अनमोल जीवन – डॉ स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”
- अग्निपथ के राही- अमरनाथ त्रिवेदी
- नववर्ष – राम किशोर पाठक
- नववर्ष की नई किरण – अमरनाथ त्रिवेदी
- नववर्ष की नई सुबह – आशीष अम्बर