युग का प्रभाव- जैनेन्द्र प्रसाद रवि

गुरुजनों की भी नहीं,छूते हैं चरण कभी,कहीं दूर जाने वक्त, कहते हैं गुड-वाय। बड़ों को प्रणाम हेतुजोड़ते हैं हाथ नहीं,एक दूसरे को लोग, करते हैं हेलो-हाय। माता-पिता की भी लोगकरते…

गुरु-मनोज कुमार मिश्र

गुरु गुरु तुम्हारे नाम की, महिमा क्या समझाय। समझने की समझ भी, गुरु तुम्हीं से आय।। गुरु बिन ज्ञान मिले नहीं, प्रकट न होवे भाव। गुरु ही अक्षर ज्ञान दे,…

दोहे-निधि चौधरी

दोहे गुरु ब्रह्मा अवतार है, गुरु ही विष्णु रूप। गुरु सागर है ज्ञान का, गुरु पिता स्वरूप।। बन अज्ञानी फिरे जगत, लाख रहे अनजान। शीश चरण में राखिए, हो जा…