जनसंख्या जागो मानव जागो …. करो परिवार सीमित सभी। नहीं तो सभ्य समाज न बना पाएँगे, खो देंगे हम चैन अपनी। बड़ी विस्फोटक है यह समस्या, बेरोजगारी और बढ़ेगी। जागो…
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जनसंख्या-अश्मजा प्रियदर्शिनी
जनसंख्या एक अरब सैतिश करोड़ की जनसंख्या वाला है हमारा नेशन 17.64 के दर से बढ रहा पोपूलेशन दिन दूनी, रात चौगुनी विकट हो रहा सिचुएशन वर्तमान दृश्य ऐसा है…