जाओ न तुम दिसंबर यूं न तुम जाओ दिसंबर, उदास है धरती और अंबर। मौन हैं चारों दिशाएं कांपती चल रही हवाएं। कोहरे का चादर ओढ़कर, उम्मीद सबका तोड़कर। मांगों…
Teachers of Bihar- The Change Makers
जाओ न तुम दिसंबर यूं न तुम जाओ दिसंबर, उदास है धरती और अंबर। मौन हैं चारों दिशाएं कांपती चल रही हवाएं। कोहरे का चादर ओढ़कर, उम्मीद सबका तोड़कर। मांगों…