तेरी ही तो अक्स हूँ माँ-अपराजिता कुमारी

तेरी ही तो अक्स हूँ माँ जननी, जीवनदायिनी माँ धैर्य धरा सी, अटल पर्वत सी सामर्थ सागर सा, तुझ में, माँ सृजन, सहन, क्षमा, दया करुणा, ममता, त्याग की प्रतिमूर्ति,…