हाथ धुलाई शान बने अगणित कीटाणु रोगाणु पाते बसेरा पंजे में नख वज्रगृह हों जैसे पाते पोषण खुब मजे में । सुस्वादु व्यंजन संग सहज उतरते आमाशय में नयन नासिका…
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बिटिया रानी-दिलीप कुमार गुप्ता
बिटिया रानी मेरी बिटिया रानी पल पल होती तू बड़ी सयानी आ तुझे कुछ बात बताऊँ जीवन दुर्गम पथ पर आ तुम्हे चलना सिखलाऊँ। पढना लिखना तू मनोयोग से गढना…
ऐसे थे गाँधी-दिलीप कुमार गुप्ता
ऐसे थे गाँधी प्रेम सद्भावों के मूरत बापू सत्य अहिंसा के पुजारी युगों तक रहेगी दुनियाँ तेरे सदकर्मो की आभारी। सरल जीवन दिव्य विचार आजीवन परोपकार सत्य में ईश्वर को…
जीवन तो सीखते जाना है-दिलीप कुमार गुप्ता
जीवन तो सीखते जाना है सुख से सीखें, दुःख से सीखें खुशियाँ हो या गम से सीखें मैत्री भाव हो व्याप्त जगत मे रिपु अपना कोई नहीं अपनों का सम्मान…
एक नई शुरूआत-दिलीप कुमार गुप्ता
एक नई शुरुआत हर शाम के बाद स्वर्णिम प्रभात है गुलामी नीरवता से मुक्ति आजादी की बयार है मिलन बाद विछोह पुनर्मिलन की आस है मृत्यु के साथ ही नव…
संबंधों की हरियाली-दिलीप कुमार गुप्ता
संबंधों की हरियाली माँ का वात्सल्य पिता का स्नेह बहन भाई का प्रखर प्रेम रिश्तों की रक्तिम लाली संबंधों की हरियाली । दादी माँ की सरस कहानी पितामह संग…
हे गुरुवर-दिलीप कुमार गुप्ता
हे गुरुवर जब था मन कोरा मेरा कलम पकड़ना आपने सिखाया आरी तिरछी लकीरों से गुरूवर ने सुलेख लिखाया रोम रोम कृतज्ञ गुरूवर आपके अनंत उपकारों से जीवन आज बना…
मानव जीवन-दिलीप कुमार गुप्ता
मानव जीवन नव उम्मीद स्पंदित अन्तर्मन नव विश्वास का तीव्र जागरण विश्वबंधुत्व सर्वोच्च संबल त्याग बलिदान समर्पण अभिप्रेरित मानव जीवन। परोपकार का प्रकीर्णन उदारीकरण का स्फोटन साहस निर्भीकता उच्च मनोबल…
प्रार्थना-दिलीप कुमार गुप्ता
प्रार्थना मन की शक्ति शुद्धता, शांति सर्वोत्तम प्रवाह आध्यात्मिक ऊर्जा सुक्ष्मातिसुक्ष्म बुद्धि नव विवेक सात्विक शक्ति अन्तःकरण जागरण शुद्धतम सद्भाव अन्तर्मन नवांकुरण व्यष्टि से समष्टि समृद्धि आह्वान अन्तस्थ निर्मलता…
नदियाँ-दिलीप कुमार गुप्ता
नदियाँ पर्वत कंदराओं से होकर सरपट दौड़ लगाती नदियाँ चट्टानों से टकरा टकरा कर अवरोधों को दूर भगाती है मैदानों के चौरस वक्ष पर मद्धिम मल्हार सुनाती है कलकल बहती…