दोहे जब चीता तीन कदम पिछे की ओर जावे, बयालिस हाथ छलांग लगावे। जब तक चीता खड़ा है बचने का करें प्रयास, जब तीन कदम पिछे हटे न करें बचने…
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दोहे-विनय कुमार ओज
दोहे ऋण न किसी का भूलिए, मत भूलें उपकार। ऋण जो आप उतार दें, मन से जाए भार।। वाणी मरहम भी करे, अरु करती है घाव। वाचा विष मत घोलिये,…