संग हरियाली के जी ले पल दो पल, करती सरिता जहाँ पग-पग कल-कल। मनहर-सी छटा छाई धरा पर हरपल, करते अंबर जिसकी रखवाली पल-पल।। आओ बच्चों करें जंगल में…
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