नश्वर दुनियाँ-अर्चना गुप्ता

नश्वर दुनियाँ  कितनी नश्वर है प्रभु तेरी दुनियाँ फिर भी पल-पल द्वेष बढ़ आए स्वार्थपाश में बँधे हुए सब ही तो रह एक-दूजे संग सदा दंभ दिखाए कालचक्र की गति…