बाल कविता रोज नहाकर खाती अम्मा।आज अलग इठलाती अम्मा।।अम्मा बोलो कौन खता है?कारण मुझको नहीं पता है। सुर्य देव का व्रत समझायी।आज नहाय-खाय बतलायी।।लकड़ी पर ही जिसे पकायी।दिनकर को थी…
Teachers of Bihar- The Change Makers
बाल कविता रोज नहाकर खाती अम्मा।आज अलग इठलाती अम्मा।।अम्मा बोलो कौन खता है?कारण मुझको नहीं पता है। सुर्य देव का व्रत समझायी।आज नहाय-खाय बतलायी।।लकड़ी पर ही जिसे पकायी।दिनकर को थी…