दीवाली चंचल वन में मनी दीवाली, घनी अंधेरी रात थी काली। चंपू खरगोश दिमाग लड़ाया, जुगनू की टोली बुलवाया। जगमग जगमग जुगनू चमके, खाई मिठाईयाँ सबने जमके। किसी ने पटाखे…
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एक सपेरा-निधि चौधरी
एक सपेरा देखो देखो आया है एक सपेरा, आंगन के बाहर है डाला डेरा। ठुमक ठुमक के नाचे नागिन, बीन बजा के नचवाए सपेरा। खेल छोड़ कर बच्चों आओ, देख…
चंचल वन में कवि सम्मेलन-निधि चौधरी
चंचल वन में कवि सम्मेलन चंचल वन में मची है अफरा तफरी, चींटी हाथी खेल रहे पकड़ा पकड़ी। कबूतर काका ने उड़ उड़ संदेश सुनाया, कवि सम्मेलन राजा शेर ने…
दिनों के नाम-निधि चौधरी
दिनों के नाम सोमवार को चले स्कूल मंगलवार खिल गए फूल। बुधवार को आई नानी, गुरुवार हम सुने कहानी। शुक्रवार को लगे बाज़ार, शनिवार छुट्टी का इंतज़ार। आया प्यारा प्यारा…
मैं हिन्दुस्तान की हिन्दी-निधि चौधरी
मैं हिन्दुस्तान की हिन्दी मैं हूँ पूर्वजों की शान की हिन्दी, बचा लो मुझको, मैं हिन्दुस्तान की हिन्दी। आज संकुचित क्यों हुई हिन्दी, धुंधलाई सी माँ भारती की मस्तक की…
क्रिकेट-निधि चौधरी
क्रिकेट जंगल में बंदर जी बोले चलो आज क्रिकेट खेलें। सबने इसमे सहमती जताया अंपायर हाथी को बनाया। बैटिंग करने गधा आया, पहले बॉल में कैच उड़ाया। बल्ला ले कर…
दोहे-निधि चौधरी
दोहे गुरु ब्रह्मा अवतार है, गुरु ही विष्णु रूप। गुरु सागर है ज्ञान का, गुरु पिता स्वरूप।। बन अज्ञानी फिरे जगत, लाख रहे अनजान। शीश चरण में राखिए, हो जा…
बिल्ली मौसी की सगाई-निधि चौधरी
बिल्ली मौसी की सगाई सुनो सुनो सब बहनों भाई, बिल्ली मौसी की है सगाई। जंगल में खुशियाँ छाई, बन्दर मामा बाँट रहे मिठाई। दूल्हा राजा बने हैं बिलार, बाराती है…
गीत नया गाया था उन्होंने-निधि चौधरी
गीत नया गाया था उन्होंने टूटे तारों से भी बासंती स्वर निकाला था, जीवन का कण कण भारत माँ पर वारा था, काल के कपाल पर उसने लिख लिख मिटाया…
आजादी की कहानी-निधि चौधरी
आजादी की कहानी सुनो आज़ादी की लंबी कहानी गुलामी की वो दास्तां थी पुरानी। वो नंगे बदन पे थे कोड़े लगाते, वो जालिम बहुत ही थे हमको सताते भगाने फिरंगी…