आज़ादी के नग्में-नूतन कुमारी

आज़ादी के नगमें स्वर्णिम इतिहास की गाथा, संजोकर दिल में अपने हम, ख़ुशी के गज़लें, आज़ादी के हम नग्में सुनाएंगे। पहुंचे प्रेम की पराकाष्ठा अपने चरम सीमा पर, सभी के…

गंगा-नूतन कुमारी

  गंगा मोक्षदायिनी गंगा सर्वस्व समाहित कर जगत को निरंतर करती दुलार मां समान। कल्याणकारी गंगा इक बूंद से तृप्ति हो ऐसी ज्यों बुझी तृष्णा अनंत जन्मों की। पतितपावनी गंगा…

मुस्कान-नूतन कुमारी

  मुस्कान मुस्कान है इक ऐसा अलंकार, जो लाये जीवन में बसंत बहार, सजें सदा जिन होठों पर यह, हो जाएं पूर्ण सारे श्रृंगार। उदासी मंजर में दे जाए सुकून,…

दीपक-नूतन कुमारी

दीपक मनन-चिंतन करों बच्चों, यह दीपक कैसे जलता है, फ़िज़ा को यह करें रौशन, तले अंधेरा रहता है। हरेक मौसम, हरेक बेला, तमस को दूर करता है, तिमिर को शोख़…

पेड़ लगाएं-नूतन कुमारी

पेड़ लगाएं आओ मिलकर पेड़ लगाएं बीमारी को दूर भगाएँ, नित दिन करें हम इसका भान, तभी है संभव जगत कल्याण। अगर पेड़ तुम काटोगे तो आक्सीजन कहाँ से पाओगे,…

भारतीय नववर्ष मंगलमय हो-नूतन कुमारी

भारतीय नववर्ष मंगलमय हो अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा, आज प्रफुल्लित है जग सारा। नववर्ष तुम्हारा स्वागत है, सुख़मय कर दो संसार हमारा। तेरे स्वागत को सब अभिलाषी, दे दें ख़ुशियों से…