लिखी हूं प्रेम पाती प्रिय- एस के पूनम

विधाता छंद। विधान-1222*4(लिखी हूँ प्रेम पाती प्रिय)(1)गगन हो या धरा पर हो,तुम्हें सत्कार जन-जन में। तुम्हीं को देख जीती हूँ,प्रणय का रीत कण-कण में। बजे मेरे पदाभूषण,सुरीला गीत छन-छन में।…