बचपन के दिन-चाँदनी समर

बचपन के दिन सुबह सुबह आँखे खुलती थी चिड़ियों के चहचहाने से उठ बैठती थी अंगराई लेकर फिर माँ के बुलाने से। मीठी मीठी चाय के साथ बिस्किट का वो…