बसंत का आगमन नीचे धरती ऊपर अम्बर, मन्द-मन्द मुस्काता तरुवर। बादल आया उमड़-घुमड़ कर, आज मगन मद मस्त है जलधर। नील गगन में उड़ते पँछी कौए चील बाजो की…
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