बालगीत चूहे और बिल्ली एक खाली घर में थे रहते, बहुत से चूहे मिल के। खाते खेलते खूब थे सारे, करते बातें दिल के। बहुत था सुंदर जीवन उनका, नहीं…
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खरहे की चतुराई -सुधीर कुमार
एक बार एक खरहे को था , एक सियार ने घेरा । लगा सोचने मन में खरहा , कैसा पड़ा ये फेरा । खरहे ने देखा कि अब तो ,…