मां की ममता-शिवेंद्र शिवम

मां की ममता बसंत जैसी ऋतु हो तुम। पूर्णिमा की हो चांद।। ममता की आंचल पसारे। करुणा सागर समान।। तेरी ह्रदय से पृथ्वी छोटी। ममता तेरी सबने देखी।। अपने हाथ…

मां की ममता-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

मां की ममता मां की ममता सबसे न्यारी, अपनी संतान पर दुनिया वारी। भूख नहीं पर हमें खिलाती, खिलौने देकर हमें मनाती। पीछे-पीछे दौड़ी चली आती, हाथ में लेकर दूध…