संगत भावपूर्ण शब्दों के संगत से रचता है गीत। सुर, ताल और लय के संगत से सजे मधुर संगीत। खाली दीया का भाई मोल नहीं कुछ खास। तेल-बाती के संगत…
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क्यों बैठा मन मार राही-रानी कुमारी
क्यों बैठा मन मार राही सफर अभी शेष है समर अभी शेष है चंद ठोकरों से घबराकर क्यों बैठा मन मार राही क्यों बैठा मन मार ? चूमना है शिखर…
आओ करें वन की रखवाली-रानी कुमारी
आओ करें वन की रखवाली छोटे-छोटे, बड़े-बड़े पेड़-पौधे हरे-भरे जीव-जगत के रखवाले धरती माँ के ये गहने सारे। पशु-पक्षियों ने पेड़ों पर अपना घर बसाया है तपती धूप में हमें…
पेड़-रानी कुमारी
पेड़ सारी सृष्टि सुशोभित मुझसे युगों-युगों से राज है मेरा न जाने कितनी कहाँनियाँ समाहित है मुझमें आज मैं अपने बारे में कुछ बतलाता हूँ हाँ, मैं एक पेड़ कहलाता…
मुनिया मेरी पढ़ेगी-रानी कुमारी
मुनिया मेरी पढ़ेगी अब मुनिया मेरी पढ़ेगी किस्मत अपनी गढ़ेगी। बस्ता अपना उठाएगी रोज विद्यालय जाएगी हाथ पेंसिल पकड़ेगी स्लेट पर अक्षर उकेरेगी। अब मुनिया मेरी पढ़ेगी किस्मत अपनी गढ़ेगी।…
तितली-रानी कुमारी
तितली तितली रानी, तितली रानी बोलो कहाँ से आती हो रंग-बिरंगे पंख तुम्हारे इतने रंग कहाँ से लाती हो बोलो कहाँ से आती हो कभी इस फूल पर, कभी उस…
वर्षा-रानी कुमारी
वर्षा तपी हुई थी धरती, गर्मी के प्रकोप से चुपके-चुपके एक बूँद गिरी बादलों के ओट से पंछी चहके, धरती महके, सौंधी-सौंधी खुशबू लाई वर्षा आई, वर्षा आई वर्षा है…
हिंदी सबको जोड़ने वाली-रानी कुमारी
हिंदी सबको जोड़ने वाली तेरी तोतली जुबान से तुतलायी हूँ लोरियों संग झूम-झूम तुम्हें मीठी नींद सुलायी हूँ। तेरी किलकारी में मैं ही पुलक-पुलक कर किलकी हूँ। मैं तेरी मातृभाषा…
आओ प्यारे बच्चों आओ-रानी कुमारी
आओ प्यारे बच्चों आओ हँसते-गाते, झूमते आओ आओ प्यारे बच्चों आओ। आओ इन पौधों से मैं बात करा दूँ, फूलों के चटकील रंग दिखा दूँ भौरों के मीठे गीत सुना…
नन्हीं गोरैया-रानी कुमारी
नन्ही गोरैया ओ री चिरैया नन्ही गोरैया आ जा री वापस पड़ती हूँ पैंया। उड़-उड़ के आना जी भर के खाना दूँगी कटोरी भर पानी मुट्ठी भर दाना । अपना…