राही हे राही! जिस राह पर चल पड़े हैं क़दम, उस राह को कभी छोड़ना नहीं, राहें होगी हजारों कंटकों से भरी, पर अपने अधरों पर रखना मुस्कान। हे राही!…
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राही-अशोक कुमार
राही जिंदगी के राहों में, रोड़े बहुत आएंगे। संभल संभल कर चलना होगा, कभी खाई कभी गहराई में।। हम राही एक मगर, पथ अनंत होगा। ऊं सही एवं गलत की,…