दोहा यह पारस अनमोल रतन अपना हित करने से पहले, गैरों का भी हित सोचो। औरों की एक गलती से पहले, अपनी भी गलती देखो।। ध्यान रहे हो न तुमसे…
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नित दो पेड़ लगाएं-विजय कुमार पासवान
नित दो पेड़ लगाएं जल बिना, जीवन धारा होगा, सोचा है? पीने का पानी नहीं बचा है सोचा है? सजीवों का जीवन नहीं बचेगा सोचा है। जीव जंतु नर नारी…