ग्रामीण सड़क जब पहले ग्रामीण क्षेत्र में न होती थी सड़कें कीचड़ के संग खेला करते सब बच्चे लड़की लड़के। दुर्घटनाएँ न होती थी न था रोना धोना जब से…
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अराधना-विजय सिंह नीलकण्ठ
अराधना ईश अराधना से ही सबके बन जाते हैं बिगड़े काम ऐसा भू के मानव कहते पा जाते हैं सभी मुकाम। उनको मन मंदिर में रखकर फतह हो जाता कठिन…
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस-विजय सिंह नीलकण्ठ
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस बीस नवम्बर को सारा जग बाल दिवस मनाता है बच्चों के हित व अधिकार सब बच्चों को बतलाता है। यूनिसेफ ने दुनियाँ के हर बच्चों को है…
विद्यालय में-विजय सिंह नीलकण्ठ
विद्यालय में बिन बच्चों के मन नहीं लगता गुरुजी को विद्यालय में खाली बैठकर समय बिताना पड़ता है विद्यालय में। कोरोना ने बंद कर दिया बच्चों का स्कूल आना बैठ…
मैं हिम्मत हूँ-विजय सिंह नीलकण्ठ
मैं हिम्मत हूँ धैर्य भी हूँ दवा भी हूँ मानव जीवन का सब कुछ हूँ बिन मेरे न कुछ भी संभव कहलाता मैं हिम्मत हूँ। मुझसे ही मिलती ताकत है …
सहयोगी-विजय सिंह नीलकण्ठ
सहयोगी बिन सहयोगी एक पल भी जीना मुश्किल हो जाता है भाई बहन व बेटा बेटी पत्नी सह पिता व माता है। कर सहयोग एक दूजे का खुशियों में समय…
तन की सफाई-विजय सिंह नीलकण्ठ
तन की सफाई तन के अंगों की साफ सफाई जन जीवन की दिनचर्या हो स्वस्थ निरोग शरीर रहेगा कोई बीमारी कभी न हो। पग से लेकर शीश तलक हर अंग…
नियम-विजय सिंह नीलकण्ठ
नियम नियमों पर चलने वाले जन सदा सफल हो जाते हैं जो भी है अनदेखी करता असफल हो पछताते हैं। सदा समय पर उगता सूरज सदा समय पर डूबता है …
नाम था उनका गाँधी-विजय सिंह नीलकण्ठ
नाम था उनका गाँधी लाया जिसने देश हित में स्वतंत्रता की आँधी राष्ट्रपिता जो कहलाते हैं नाम था उनका गाँधी। जन्म लेकर पोरबंदर में गुजरात का मान बढ़ाया अहिंसक आंदोलन…
आदर्श-विजय सिंह नीलकण्ठ
आदर्श सुनने में लगता सरल लेकिन रहता काफी विरल पर जिसके पीछे लग जाए बना दे उसे निर्मल। गाँव शहर व विद्यालय मानव के पीछे भी लगते चर्चाएँ होने लगती…