विधा:-विधाता छंद।व्यंग।(विवशता में सिसकते हैं ) चुनावों के समय पर ही,प्रजा की याद आती है। करे वादें सभाओं में,प्रजा सुनकर लुभाती है। बिछाया जाल शब्दों का,ललक जो खींच लाती है।…
Teachers of Bihar- The Change Makers
विधा:-विधाता छंद।व्यंग।(विवशता में सिसकते हैं ) चुनावों के समय पर ही,प्रजा की याद आती है। करे वादें सभाओं में,प्रजा सुनकर लुभाती है। बिछाया जाल शब्दों का,ललक जो खींच लाती है।…