नशा का हो नाश आज का दौड़ निराला सबको कर रहा मतवाला मन को कर रहा है काला युवाओं का निकाल रहा दिवाला ले रहा गिरफ्त में दे रहा हवाला…
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अब तो खुल जाओ-विवेक कुमार
अब तो खुल जाओ आंखे मेरी पथरा गई तेरे इंतजार में अधीर हो गया हूं तेरी याद में कितने जतन करूं बात तो ये बतलाओ अब तो खुल जाओ अब…
गुरु का वंदन-विवेक कुमार
गुरु का वंदन मिट्टी को प्रभु ने आकार दिया दिया जीवन का वरदान मां ने नौ महीने गर्भ में ढोकर दिया जीवन जीने का सम्मान परिवार ने पाल पोसकर बड़ा…
रोग भगाए योग-विवेक कुमार
रोग भगाए योग व्यस्त दिनचर्या से आज जूझ रहा इंसान धन की लालच में न रहा, स्वास्थ्य का है भान न दिन को चैन है, न रात को मिलता चैन…
कौतूहल भरा वो दिन-विवेक कुमार
कौतूहल भरा वो दिन वात्सल्य प्रेम की गोद में पला, अंजाना अज्ञानता से भरा अबोध बालक। मां की ममता पिता का प्यार, अनछुई अनकही अबूझ पहेली सी, सभी का प्यारा…
है आस होंगे पास-विवेक कुमार
है आस होंगे पास संकट का मंजर है आया परेशान है सबको कर पाया कोरोना का है ये छाया सबको है घबड़ाया प्राण घातक है बन गया पर है आस…
हम ऐसे क्यों हैं-विवेक कुमार
हम ऐसे क्यूं हैं हर बार मैं यह सोचता हमें सब समझ है आता फिर भूल क्यों हो जाता ये बात समझ न पाता हम ऐसे क्यों हैं हम ऐसे…
मच्छर से जीवन की सीख-विवेक कुमार
मच्छर से जीवन की सीख आओ सुनाऊं अपनी एक कहानी हूं मैं एक हाड़मांस का आदमी दिन भर नोटों की जुगत में रहता एक पल चैन की सांस न लेता…
लॉकडाउन का सबक-विवेक कुमार
लॉकडाउन का सबक ईश्वर की सुंदर रचना हूं कहते सब मानव मुझे आया हूं इस कर्मधाम में, बना पात्र इस रंगमंच का, मोहमाया के कुचक्र में फंसकर, लगा निभाने अपना…
स का दंभ-विवेक कुमार
स का दंभ एक संकट है आया भैया, देता एक संकेत……… इसकी संगति संपर्क स्पर्श, कर रहा संहार सर्वनाश, संक्रमित कर रहा जन को, सूचक संग संयोग संभावना संताप की,…