शनैः शनैः जिंदगी गुजर रही है-नूतन कुमारी

शनैः शनैः जिंदगी गुजर रही है लम्हों का गुजरना ऐसा है मानों, मुट्ठी से रेत फिसल रही है, इसे गिले-शिकवे में न जाया कर, क्योंकि शनैः शनैः जिंदगी गुजर रही…