शौर्य-मनोज कुमार दुबे

शौर्य कितने बलिदानियों के शीश चढ़े, कितनी वीरांगनाओं का इस मिट्टी में रज मिला है। बोटी बोटी जाकर बिखरी वीरों की, तो हमें अपनी मां के आंचल में सोने का…