मैं शिक्षक हूं पत्थर तराश हर रोज नया, मूरत मैं बनाया करता हूं। बच्चों के भावी जीवन को, शिक्षा से सजाया करता हूं। राष्ट्र निर्माण के कारण मैं, पूजा समाज…
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चूहे और बिल्ली-सुधीर कुमार
बालगीत चूहे और बिल्ली एक खाली घर में थे रहते, बहुत से चूहे मिल के। खाते खेलते खूब थे सारे, करते बातें दिल के। बहुत था सुंदर जीवन उनका, नहीं…
प्रेमचंद साहित्य-सुधीर कुमार
प्रेमचंद साहित्य प्रेमचंद की कथा यात्रा, लाई साहित्य में नव बसंत। सोजे वतन से शुरू होकर, मंगलसूत्र पर हुई है अंत। उपन्यास है इनके सेवासदन, प्रतिज्ञा, वरदान, गबन, रंगभूमि। कायाकल्प,…
कन्हैया आ जाओ-सुधीर कुमार
कन्हैया आ जाओ कृष्ण कन्हैया रास रचैया आ जाओ एक बार। भक्त तुम्हारे द्वार खड़े हैं दर्शन दो एक बार। कन्हैया आ जाओ दरस दिखा जाओ। द्रोपदी ने रो रो…
बच्चे का संकल्प-सुधीर कुमार
बच्चे का संकल्प हम बच्चे हैं छोटे पर हमें बड़ा बहुत बनना है। पर्वत बन आंधी के आगे सदा खड़ा रहना है। सागर की लहरों पर हमको अपनी नाव चलानी…
शहीदों से हिन्दुस्तान-सुधीर कुमार
शहीदों से हिन्दुस्तान शहीदों से है हिन्दुस्तान, इनको सिर झुकाएं हम। अमर है इनकी गाथा जो, करती सदा है आंखें नम। आजादी की लड़ाई में, वीरों ने कितने दिये प्राण।…
प्रश्न और उत्तर-सुधीर कुमार
प्रश्न और उत्तर सूरज में कहां से आती गर्मी, चांद में होती क्यों शीतलता? आओ उसको शीश झुकाएं, जिसने दी है जल को तरलता। कौन चलाता है वायु को, कौन…
सुभाष चंद्र बोस-सुधीर कुमार
सुभाष चंद्र बोस सुभाष चंद्र बोस के जीवन की है एक सुंदर घटना। बात है ये उन दिनों की जब काम था बस पढ़ना-लिखना। जिस रस्ते से पढ़ने जाते उसमें…
नजर आए-सुधीर कुमार
नजर आए माता पिता के रूप में मुझको चारो धाम नजर आए। जब मैं देखूं इन्हें सदा मुझको भगवान नजर आए। आते हैं जब भी ये सामने और न कुछ…
फिर स्कूल चलें-सुधीर कुमार
फिर स्कूल चलें हर बच्चे के हाथ में फिर से, कापी कलम थमाना होगा। छूट गया है स्कूल जिनसे, उनको स्कूल लाना होगा। काम छुड़ाकर खेतों से फिर, घर में…