हे वसुधा तूझे शत शत प्रणाम-नरेश कुमार “निराला”

हे वसुधा तूझे शत-शत प्रणाम भू, भूमि, क्षिति, धरणी, धरित्रि ये सब धरा के पर्यायवाची नाम, वसुंधरा से हमें मिलती है जीवन वेदों ने माना इसे माँ के समान हे…