हे सृजनहार सुन लो पुकार-देव कांत मिश्र दिव्य

हे सृजनहार सुन ले पुकार हे सृजनहार ! मेरी सुन ले पुकार हिय में बहे सदा प्रेम की बयार।। निर्मल और शुद्ध होवे व्यवहार कर सकूंँ प्राणियों से सम प्यार।।…