आभासी दुनिया की मृगतृष्णा-विनय कुमार

आभासी दुनिया की मृगतृष्णा  सैकड़ों-हज़ारों दोस्त मिलें फ़िर भी ख़ुद को अपनापन की गलियों में अकेला ही पाया ये इंटरनेट की दुनिया हमें किधर लिये जा रही? ये तो अपनो…