आओ हे हनुमान यहाँ – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या

जग में है कौन सुनो, जो तुम से अनजान। राम नाम सतनाम है, पूर्ण करै सब काम।।१।। हनुमान बिन राम सुनो, जीवन कौन आधार। हनुमान हिय माही बसें, जीवन भव…