पर्यावरण सोच-सोचकर ये मन सोच नहीं पाता, क्यों हे! मानव पर्यावरण को छ्लाता। कहता मैं कर्म करता नित भला सबका, पर व्यावहारिक पुरुषार्थ कभी न दिखलाता। मन मसक्क्त की गलियों…
Teachers of Bihar- The Change Makers
पर्यावरण सोच-सोचकर ये मन सोच नहीं पाता, क्यों हे! मानव पर्यावरण को छ्लाता। कहता मैं कर्म करता नित भला सबका, पर व्यावहारिक पुरुषार्थ कभी न दिखलाता। मन मसक्क्त की गलियों…