आत्मविश्वास आओ बच्चों तुम्हें सुनाए कहानी दिव्यांग नृत्यांगना की। जो अपने आत्मबल से अपने सपने को साकार की। वह थी दिव्यांग नृत्यांगना नाम था सुधा चंदन। बचपन से करती थी…
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दो जून की रोटी-संयुक्ता कुमारी
दो जून की रोटी किस्मत से नसीब होती है दो जून की रोटी। चहुँ ओर कोरोना हाहाकार मचाये दुनिया है परेशान, विवश और लाचार मजदूर हुए हैं। असमर्थ और परेशान…
रक्षाबंधन-संयुक्ता कुमारी
रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा में राखी का त्यौहार । बहनों के मन में है छाया बहार ।🌸 हर बहन को भाई से है अटूट प्यार। आया राखी का पावन त्यौहार ।।…
बचपन-संयुक्ता कुमारी
बचपन आज फिर से याद आई मधुर यादें वह बचपन की चिंता रहित खेलना और खाना न रोने का समय और न हँसने का बहाना मेरा बचपन भी था मद…
कैसी व्वस्था-संयुक्ता कुमारी
कैसी व्यवस्था कैसी है हमारे सभ्य समाज की व्यवस्था? कोई कब समझेगा गरीब की अवस्था? आवाज उठाओ हो रहा है अत्याचार। चहुँ ओर से घिरे देखते हैं, हम बन लाचार।।…