टीचर्स ऑफ़ बिहार
ये है मेरा बिहार,
यह टीचर्स ऑफ़ बिहार।
राम नाम की जाप है करते,
करते हम शुरुआत।
कहानी, कविता की धुन सुनकर,
करते हैं आगाज़।।
कौना-कोना गूँज उठा है,
होती जय-जयकार।
ये है मेरा बिहार,
यह टीचर्स ऑफ़ बिहार।
गद्यगुंजन और पद्यपंकज हैं,
इनके शिरोधार।
ब्लोग बनाकर हम करते हैं,
बच्चों का उद्गार।।
तन-मन से हम खिलते हैं,
टी ओ बी के सरकार।।
ये है मेरा बिहार,
यह टीचर्स ऑफ़ बिहार।
नव लेखन का मान बढ़ाकर,
देती खुशियाँ सारी।
हृदय को वह सबल बनाकर,
करती बातें सारी।।
अन्जाने में भूल किये गर,
मिलकर देंगे सुधार ।
ये है मेरा बिहार,
यह टीचर्स ऑफ़ बिहार।
यह शिक्षक का मंच है भाई,
हैं हम सब भी साथी।
पल ऐसा यहाँ बीत रहा है,
जैसे दीये और बाती।।
कदम-कदम हम मिल चल पाए,
रहते हैं तैयार।
ये है मेरा बिहार,
यह टीचर्स ऑफ़ बिहार।
नये सीख और नये खोज को,
देते हैं आयाम।
नीति और नवाचारी के,
करते हैं बयान ।
शिक्षा के उद्देश्य से जग में,
करते हैं प्रसार।
ये है मेरा बिहार,
यह टीचर्स ऑफ़ बिहार।
गर कहानी मैं बना दूँ,
मेरी क्या औकात यहाँ।
खास बात है इसकी भैया,
मिलती है जज्बात यहाँ।
होती है यहाँ सार-वाक्य का,
शब्दों की बौछार।।
ये है मेरा बिहार,
यह टीचर्स ऑफ़ बिहार।
दोहरी वर्षगाँठ मनायें,
मिलकर हम सब प्यारे।
उज्जवल हो भविष्य हमारा,
हो कर्म हमारे न्यारे ।।
यही कामना है हमारी,
न बिखरे ये परिवार।।
ये है मेरा बिहार,
यह टीचर्स ऑफ़ बिहार।
भोला प्रसाद शर्मा
पूर्णिया (बिहार)