टीचर्स ऑफ़ बिहार
मंजिलों का सफर,
न होता कभी आसान।
चुनौतियां स्वीकार कर,
न बनाते सब पहचान।
टीचर्स ऑफ बिहार ने,
भरी हौसलों की उड़ान।
पिरोकर सबको एक सूत्र में,
दिलाई शिक्षकों को पहचान।
सरकारी स्कूलों की प्रतिभा ने,
कर दिया सबको हैरान।
शिक्षक विद्यार्थियों की मेहनत से,
बिहार को मिली अलग पहचान।
टीचर्स ऑफ़ बिहार टीम के,
लगन और जज्बे को सलाम।“
टीचर्स ऑफ़ बिहार ने
दो वर्ष किए पूरे
ये सफर यूं ही चलता रहे
कभी न ये कारवां थमे”।
स्वाति सौरभ
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