वीर सपूत
नमन है वीर शहीदों को,
जिन्होंने बलिदान दिया,
देश की खातिर जान दिया,
देश की खातिर जान दिया।
गौरव है उन माताओं पर,
देश को अपना लाल दिया,
भारत माता को अर्पण,
अपना प्यारा चाँद दिया।
फख्र है उन पिताओं पर,
अपना वीर जवान दिया,
बूढ़ी आँख़ों का तारा,
बुढ़ापे का सहारा कुर्बान किया।
नाज है उन सुहागिनों पर,
अपना प्यार न्यौछावर किया,
माथे पर तिलक सजा,
अपना प्रेम अरमान दिया।
नाज है उन बहनों पर,
हर रक्षाबंधन पर इंतजार किया,
वीर भाई ने रणभूमि में,
बहादुरी से जान दिया।
गर्व है इस देश की मिट्टी पर,
हर कण-कण पर,
हर आंगन पर,
हर खूबसूरत फिजाओं पर,
हर पल बहती हवाओं पर,
कल-कल कर बहती नदियों पर,
हर वीर शहीद इनमें बसता,
जिन्होंने देश की खातिर जान दिया।
नमन है वीर शहीदों को,
जिन्होंने बलिदान दिया,
देश की खातिर जान दिया,
देश की खातिर जान दिया।
संगीता कुमारी सिंह
म. वि. गोलाहू नाथनगर
भागलपुर