विद्यालय में
बिन बच्चों के मन नहीं लगता
गुरुजी को विद्यालय में
खाली बैठकर समय बिताना
पड़ता है विद्यालय में।
कोरोना ने बंद कर दिया
बच्चों का स्कूल आना
बैठ बैठकर समय बिताने
पड़ता है स्कूल जाना।
सुनसान पड़ा है शिक्षालय
चहल पहल न दिखती है
सभी विवश हैं बीमारी से
प्रकृति ने जो लिख दी है।
पहले विद्यालय जाते ही
मन प्रसन्न हो जाता था
स्व शिष्यों को विद्यालय में
देख देख मुस्काता था।
विद्यालय में जाते ही
सब बच्चे शीश झुकाते थे
प्रणाम गुरुजी कह कहकर
गुरुजी से आशीष पाते थे।
लेकिन अब न बच्चे आते
पढ़ने को विद्यालय में
कोरोना से बचने हेतु
छुपे हैं सब स्व आलय में।
करता हूँँ ईश्वर से विनती
कोरोना का अंत करें
फिर बच्चे आकर विद्यालय
सब मिल जुलकर लिखे पढ़े।
विजय सिंह नीलकण्ठ
सदस्य टीओबी टीम