विद्यालय
विद्या का आलय विद्यालय,
जहाँ मिलता है नित ज्ञान हमें ।
शिक्षा रूपी इस बगिया से,
फिर मिलती है पहचान हमें ।
शिक्षक के अथक प्रयासों से,
जब मिलता है सम्मान हमें ।
मिल जाती हैं सारी खुशियाँ,
और मिलता है निर्वाण हमें ।
विद्यालय की फुलवारी में,
बच्चों का भाग्य सुदृढ होता।
शिक्षक की निष्ठा और मेहनत से, जीवन सबका है निखर जाता ।
बच्चों का मन कितना पावन,
जैसे निश्छल निर्मल दर्पण ।
ना रखते किसी से बैर-भाव,
बस देते सबको अपनापन ।
हम शिक्षक की यह अभिलाषा,
करते बच्चों से यह आशा
वे शिक्षा का सम्मान करें,
ना अपनों का अपमान करें ।
जग में उँचा हो उनका नाम,
कर सकें राष्ट्र का नव निर्माण ।
मानव का जिससे हो कल्याण,
और करें हम सब अभिमान ।
एक दिन जब ऐसा आता है,
शिक्षक फूले न समाता है ।
यह चक्र निरन्तर चलता है,
विद्यालय रूपी फुलवारी,
फिर खुशियों से भर जाता है ।
प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ विद्यापति नगर
समस्तीपुर