यक्ष प्रश्न
पूछे जाते रहे हैं
सवाल
कभी हमसे
तुमसे
युधिष्ठिर से
परम्परा रही है यह
नियति की
उत्तर ढूंढ़ना होता है
कभी हमें
कभी तुम्हें
कभी युधिष्ठिर को
यह कसौटी होती है
खड़े उतरने की
किसी संकट को
निष्कंटक करने की
यह वही समय है
वही यक्ष प्रश्न है
कोरोना से
निपटने की
यह हमसे है
तुमसे है
लेकिन युधिष्ठिर
साथ नहीं हैं अभी
लेकिन वह
प्रतीक हैं
असीम बौद्धिकता के
उच्च उद्दात संकल्प के
जो साथ है हमारे
जिनसे
समाधान आना है
धीरता
धैर्यता, वीरता
से सम्मिलित
प्रत्युत्तर देना है हमें
रक्षार्थ जूझना है हमें
मानवता के विरुद्ध खड़े
इस कोरोना से
आओ
वादा करो
हमसे
स्वयं से
और उन युधिष्ठिर से
की यह यक्ष प्रश्न
समाधानित होगा
प्रमाणित हो सकेगा पुनः
कि श्रेष्ठ है मानव
श्रेष्ठ है मानवता!
गिरिधर कुमार
म. वि. बैरिया
अमदाबाद कटिहार