ये मेरा घर
कितना प्यारा, ये मेरा घर,
रहते यहाँ हम, हिलमिल कर।
कितना सुन्दर, कितना मनहर,
है अपना, ये मेरा घर।
मम्मी-पापा, दादा-दादी,
भाई-बहन, और चाचा-चाची।
सब मिल रहते इसके अन्दर,
सबसे न्यारा, ये मेरा घर।
हम जब कभी, सफर से आते,
खेल-कूद, थककर जब आते।
बहुत आराम, सुकून भी देता,
कितना मनभावन ये मेरा घर।
साफ-सफाई, रोज करें हम,
प्रेम का दीप, जलाएँ अगर।
तब देखो, कैसे लगता है,
स्वर्ग सा प्यारा ये मेरा घर।
तिनकों-तिनकों से मिलकर,
बनता जब, यह सुन्दर घर।
हमें एकता की पाठ पढाता,
रहना तुम भी मिल-जुलकर।
मनु कुमारी
मध्य विद्यालय सुरीगांव,
बायसी पूर्णियाँ
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