छंद – कुण्डलिया
अफवाहों के दौर में, रहिए ज़रा सतर्क।
दिल से करके देखिए, मिलता क्या है तर्क।।
मिलता क्या है तर्क, कभी पूछो अपनों से।
जीवन का उत्सर्ग, रुके जैसे डरने से।।
अपने मन से पूछ, सदा अंतस में झाँके।
कर्म हमारा धर्म, बिना ही अफवाहों के।।
राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंग्लिश, पालीगंज, पटना
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