हम ज्ञानदीप की ले मशाल, शिक्षा की ज्योत जलाने चलें।
नव-भारत का लें संकल्प, नव राष्ट्र प्रहरी बनाने चलें।।
कदम-कदम पर पड़े विभेद के पत्थर, सौहार्द से हटाने चलें।
बाहुबली-सी शक्ति नहीं, संयम से प्रखर बुद्धि की तीर चलाने चलें।।
अक्षर-अक्षर जोड़, व्यवहार -कुशल जीवन की पाठ पढ़ाने चलें।
मिट्टी जैसे नन्हें बच्चों को हीरा-सा, मेहनत से चमकाने चलें।।
हम बनेंगे शिक्षक बाद में, पहले खुद में छात्र-गुण लाने चलें।
है ‘पाठक’ में कितनी काबिलियत, कर्तव्य-पथ पर आजमाने चलें।।
राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश
पालीगंज, पटना
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